2030 तक टीबी के खात्‍मे को टाटा ट्रस्‍ट ने कसी कमर

2030 तक टीबी के खात्‍मे को टाटा ट्रस्‍ट ने कसी कमर

सेहतराग टीम 

तपेदिक यानी टीबी के पूरे दुनिया से खात्‍मे के लिए साल 2030 तक का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है और इसके लिए अब पूरी दुनिया में प्रयास भी शुरू हो गए हैं। भारत में इस लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए नई एवं जनकेंद्रित खोज की शुरुआत की दिशा में तेजी लाने के लिए टाटा ट्रस्ट समर्थित संगठन और एक अंतरराष्ट्रीय संस्था ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया।

गौरतलब है कि टीबी के समूल नाश के लिये वैश्विक लक्ष्य भले ही साल 2030 का हो मगर भारत की नरेंद्र मोदी सरकार ने इसके लिए और पांच वर्ष पहले यानी साल 2025 तक टीबी के पूर्ण खात्मे का लक्ष्य है।

स्विट्जरलैंड के जिनेवा में ‘स्टॉप टीबी पार्टनरशिप’ की बोर्ड मीटिंग के दौरान ‘स्टॉप टीबी पार्टनरशिप’ और ‘इंडिया हेल्थ फंड’ (आईएचएफ) ने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया। एमओयू में टीबी देखभाल सेवाओं के आधुनिकीकरण और सेवा मुहैया कराने की जगह पर फोकस होगा।

साथ ही भारत और अन्य टीबी ग्रसित देशों में इस संक्रामक रोग से प्रभावित लोगों की स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच बढ़ाने की दिशा में संयुक्त पहल और ज्ञान साझा करने पर भी जोर होगा। इसमें भारत में स्टार्टअप, छोटे एवं मझोले उद्यमों का समर्थन करने की बात कही गई है। इसके अनुसार टीबी को लेकर नयी, जन केंद्रित खोज के विकास तथा इस पहल के समर्थन में सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र में दानदाताओं और निवेशकों की पहचान की जाएगी।

स्टॉप टीबी पार्टनरशिप की कार्यकारी निदेशक लुसिका डिटियू ने कहा, ‘भारत से कई अविश्वसनीय प्रभावकारी समाधान मिले हैं और स्टॉप टीबी पार्टनरशिप का यह मानना है कि हमें न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया भर में इन नई खोज को जरूरतमंदों तक पहुंचाने की आवश्यकता है।’ 

आईएचएफ के निदेशक मनोज कुमार ने कहा कि 2030 तक टीबी मुक्त दुनिया और 2025 तक टीबी मुक्त भारत के दृष्टिकोण को पाना आशाजनक होने के साथ-साथ चुनौतीपूर्ण है।

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